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Toggleघर के मुख्य द्वार का वास्तु
घर का मुख्य द्वार न केवल प्रवेश का मार्ग होता है, बल्कि वही घर में ऊर्जा, समृद्धि और सकारात्मकता के प्रवेश द्वार का भी प्रतीक होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार का स्थान, दिशा और सजावट घर के भाग्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं। सही तरीके से वास्तु अनुसार मुख्य द्वार को बनवाने और सजाने से जीवन में सुख, शांति और ऐश्वर्य का आगमन होता है।
आज हम जानेंगे कि कैसे मुख्य द्वार का वास्तु सही बनाकर आप अपने जीवन में समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित कर सकते हैं।
मुख्य द्वार की दिशा का महत्व
1.पूर्व दिशा (East Facing Door):
पूर्व दिशा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्योंकि यह सूर्य देव की दिशा है। इस दिशा में दरवाजा होने से ऊर्जा और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
2.उत्तर दिशा (North Facing Door):
उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है, जो धन के देवता हैं। उत्तरमुखी द्वार से घर में समृद्धि और वित्तीय स्थिरता बनी रहती है।
3.पश्चिम या दक्षिण दिशा:
यदि घर का मुख्य द्वार पश्चिम या दक्षिण में हो तो विशेष वास्तु उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है ताकि नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सके।
मुख्य द्वार पर रखें इन बातों का ध्यान
द्वार का आकार और निर्माण:
मुख्य द्वार का आकार चौड़ा और ऊंचा होना चाहिए।
द्वार को मजबूती और सुंदरता से बनवाना चाहिए।
टूटा-फूटा या खुरदुरा दरवाजा न रखें।
द्वार की सफाई और साज-सज्जा:
मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा रखें।
दरवाजे पर तोरण (आम या अशोक के पत्तों से बना) लगाना शुभ माना जाता है।
रंगों में हलके और शुभ रंग (जैसे सफेद, हल्का पीला, क्रीम) का उपयोग करें।
मुख्य द्वार पर जरूर लगाएं ये तस्वीरें और प्रतीक
स्वास्तिक का चिन्ह:
स्वास्तिक को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिह्न बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और बाधाएं दूर रहती हैं।
गणेश जी की तस्वीर:
मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति लगाना शुभ होता है। गणपति विघ्नहर्ता हैं और उनकी कृपा से सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं।
लक्ष्मी जी का चित्र:
माँ लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें वे घर की ओर आती हुई दिखाई दें। यह चित्र धन और ऐश्वर्य को आकर्षित करता है।
ओम् (ॐ) का चिह्न:
ॐ का चिन्ह दिव्यता और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। इसे मुख्य द्वार पर लगाने से घर में आध्यात्मिक ऊर्जा बनी रहती है।
शुभ-लाभ और काली हल्दी:
शुभ-लाभ का चिन्ह और काली हल्दी को दरवाजे के पास लगाना भी अत्यंत शुभ माना गया है। इससे आर्थिक उन्नति होती है।
मुख्य द्वार पर किन बातों का विशेष ध्यान रखें
दरवाजे पर कोई टूटा शीशा, गंदगी या पुराने जाले न हों।
मुख्य द्वार के ठीक सामने कोई शौचालय या सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए।
द्वार के सामने कूड़ादान, जूते या फालतू सामान न रखें।
दरवाजे के ऊपर कर्कश घंटियों या नकारात्मक प्रतीकों का प्रयोग न करें।
वास्तु दोष सुधार के उपाय
यदि मुख्य द्वार की दिशा या स्थान में कोई वास्तु दोष है, तो निम्नलिखित उपाय आजमाएं:
दरवाजे के ऊपर पंचमुखी हनुमान जी का चित्र लगाएं।
मुख्य द्वार के दोनों ओर सप्त धातुओं से बने दीपक जलाएं।
वास्तु पिरामिड या ब्रास वासुप्लेट्स का प्रयोग करें।
निष्कर्ष:
मुख्य द्वार आपके जीवन की समृद्धि और सौभाग्य का द्वार है। वास्तु के अनुसार यदि आप मुख्य द्वार की दिशा, स्वच्छता, सजावट और प्रतीकों का ध्यान रखते हैं तो आपके घर में सुख, धन, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।
मुख्य द्वार को सुंदर और वास्तु सम्मत बनाकर आप अपने पूरे जीवन को सफलता और खुशहाली से भर सकते हैं।
याद रखें:
“जहाँ द्वार शुभ होता है, वहाँ सुख अपने आप प्रवेश करता है।”