ऑफिस और दुकान का वास्तु: व्यवसाय में उन्नति के लिए वास्तु उपाय (Office aur Shop Vastu Tips for Business Growth)

ऑफिस और दुकान का वास्तु

ऑफिस और दुकान का वास्तु:

हर व्यक्ति जो व्यापार या नौकरी करता है, वह चाहता है कि उसका व्यवसाय दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करे। इसके लिए मेहनत, दूरदृष्टि और सही रणनीति आवश्यक है, लेकिन इन सबके साथ यदि ऑफिस या दुकान का वास्तु भी सही हो, तो सफलता की संभावनाएँ कई गुना बढ़ जाती हैं। वास्तु शास्त्र हमें ऊर्जा के संतुलन और प्रवाह को समझाकर ऐसा स्थान रचने में सहायता करता है, जो सकारात्मकता और समृद्धि को आकर्षित करता है।

हम जानेंगे कि ऑफिस और दुकान के लिए किन वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि व्यापार में उन्नति हो, ग्राहक आकर्षित हों और आय में स्थिरता बनी रहे।

ऑफिस का वास्तु

1. ऑफिस की दिशा

ऑफिस का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है।

उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा माना गया है, जो धन के देवता हैं।

पूर्व दिशा सूर्य की दिशा है — ऊर्जा, उत्साह और बुद्धिमत्ता के लिए अनुकूल।

2. मालिक की सीट की स्थिति

ऑफिस के मालिक को दक्षिण-पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए, ताकि वह पूरे कार्यालय पर नियंत्रण रख सके।

उसकी सीट ऐसी हो कि वह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे। इससे निर्णय क्षमता बढ़ती है।

कुर्सी की पीठ मजबूत और ऊँची होनी चाहिए, जो समर्थन और सुरक्षा का प्रतीक होती है।

3. कर्मचारियों के बैठने की दिशा

कर्मचारी पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। इससे कार्य में एकाग्रता और सकारात्मकता बनी रहती है।

उत्तर-पश्चिम दिशा में बैठना कर्मचारियों के लिए अच्छा माना जाता है।

4. ऑफिस टेबल का वास्तु

टेबल चौकोर या आयताकार होनी चाहिए। अर्धवृत्ताकार या गोलाकार टेबल से भ्रम और अस्थिरता आती है।

टेबल पर अनावश्यक कागज, फाइलें और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ न रखें। यह मानसिक दबाव को बढ़ाता है।

5. तिजोरी या कैश बॉक्स का स्थान

तिजोरी या कैश बॉक्स को दक्षिण दिशा में रखें, लेकिन उसका मुंह उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

उत्तर दिशा से धन प्रवाह होता है।

6. ऑफिस में पानी का स्थान

पानी की व्यवस्था जैसे वाटर कूलर, फिश टैंक या छोटा फव्वारा उत्तर-पूर्व दिशा में होना शुभ होता है।

इससे मानसिक शांति और सृजनात्मकता बनी रहती है।

7. ऑफिस में क्या लगाएं?

हरे पौधे (मनी प्लांट, तुलसी)

लक्ष्मी-कुबेर की तस्वीर या श्री यंत्र

दीवारों पर सफलता प्रेरित करने वाले स्लोगन या तस्वीरें

घड़ी उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएँ

दुकान का वास्तु

1. मुख्य प्रवेश द्वार की दिशा

दुकान का प्रवेश द्वार उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में हो तो व्यापार में वृद्धि होती है।

दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार होने से ग्राहक कम आते हैं या देर से आते हैं।

2. कैश काउंटर की स्थिति

कैश काउंटर को दक्षिण दिशा में रखें और उसका मुंह उत्तर दिशा में रखें।

कैश बॉक्स के भीतर चांदी का सिक्का, पीला कपड़ा या श्री यंत्र रखें।

3. विक्रेता (दुकानदार) की सीट

दुकानदार को दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए और उसका मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।

इससे बिक्री में बढ़ोतरी होती है और ग्राहकों के साथ व्यवहार में आत्मविश्वास आता है।

4. प्रकाश और रंगों का चयन

दुकान में प्रकाश पर्याप्त होना चाहिए। अंधेरे या गहरे कोनों में प्रकाश की व्यवस्था करें।

हल्के रंग जैसे पीला, सफेद, हल्का हरा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।

5. दुकान में क्या लगाएं?

गणेश-लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति दुकान के पूर्व या उत्तर दीवार पर लगाएं।

घड़ी उत्तर दिशा में लगाएं।

कांच का बड़ा कटोरा जिसमें पानी और कुछ फूल हों — इसे दुकान के प्रवेश द्वार के पास रखें।

दुकान के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक, ॐ या शुभ-लाभ बनाएं।

6. दुकान की साफ-सफाई और ऊर्जा संतुलन

दुकान हमेशा साफ-सुथरी और सुव्यवस्थित रखें। गंदगी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।

धूप-दीप और कपूर का उपयोग नियमित रूप से करें। इससे ऊर्जा का शुद्धिकरण होता है।

अतिरिक्त वास्तु उपाय

हर शुक्रवार को दुकान और ऑफिस की सफाई के बाद माँ लक्ष्मी की पूजा करें।

दीपावली, अक्षय तृतीया और गुरु-पुष्य योग जैसे विशेष अवसरों पर नया खाता या रजिस्टर प्रारंभ करें।

ऑफिस या दुकान में हरे पौधों की उपस्थिति रखें लेकिन कांटेदार पौधों (जैसे कैक्टस) से बचें।

क्या न करें (Don’ts)

टूटे हुए आइने या शोपीस न रखें।

बंद घड़ी, खराब उपकरण या निष्क्रिय चीज़ें तुरंत हटा दें।

दक्षिण दिशा में मुंह करके बैठना या दुकान खोलना टालें।

आग और पानी को एक ही दिशा में न रखें। जैसे वाटर कूलर और ओवन पास-पास न हों।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: ऑफिस में किस दिशा में बैठना सबसे शुभ होता है?

उत्तर: ऑफिस के मालिक को दक्षिण-पश्चिम में बैठना चाहिए और उसका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

प्रश्न 2: दुकान के मुख्य द्वार की कौन सी दिशा शुभ होती है?

उत्तर: उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में मुख्य द्वार शुभ होता है।

प्रश्न 3: क्या वास्तु दोष के कारण ग्राहक कम आते हैं?

उत्तर: हाँ, गलत दिशा या असंतुलित ऊर्जा के कारण ग्राहक आने में बाधा आ सकती है।

प्रश्न 4: ऑफिस में कौन से पौधे लगाने चाहिए?

उत्तर: मनी प्लांट, तुलसी, एरेका पाम जैसे हरे पौधे सकारात्मक ऊर्जा के लिए उत्तम हैं।

प्रश्न 5: कैश काउंटर की दिशा क्या होनी चाहिए?

उत्तर: कैश काउंटर दक्षिण दिशा में हो और उसका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

निष्कर्ष

वास्तु शास्त्र केवल ईंट और दीवारों की दिशा नहीं बताता, बल्कि यह ऊर्जा, संतुलन और प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने की कला है। ऑफिस और दुकान में वास्तु का पालन करने से न केवल आर्थिक सफलता मिलती है, बल्कि मानसिक शांति, कर्मचारियों का समन्वय और ग्राहक संतोष भी सुनिश्चित होता है। जो व्यवसायी वास्तु को सम्मान देते हैं, उनके लिए सफलता केवल एक संयोग नहीं, बल्कि एक सुनिश्चित परिणाम बन जाती है।

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