19 मुखी रुद्राक्ष की सम्पूर्ण जानकारी – लाभ, पहनने की विधि, मंत्र और सावधानियाँ।

19 मुखी रुद्राक्ष

19 मुखी रुद्राक्ष का परिचय:

19 मुखी रुद्राक्ष को भगवान नारायण (विष्णु के नर-नारायण स्वरूप) का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष संपूर्ण जीवन में सफलता, समृद्धि, विजय और इच्छाओं की पूर्ति प्रदान करता है। इसे धन, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष – चारों पुरुषार्थों को साधने वाला रुद्राक्ष कहा गया है।

यह अत्यंत दुर्लभ, ऊर्जावान और विशिष्ट साधकों, व्यावसायिकों, और उच्च चेतना की तलाश में लगे व्यक्तियों के लिए अत्यंत फलदायी है।

19 मुखी रुद्राक्ष क्या है?

19 मुखी रुद्राक्ष वह दिव्य बीज होता है जिसमें उन्नीस प्राकृतिक रेखाएँ या मुख होते हैं। यह अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली रुद्राक्ष है, जो हर क्षेत्र में सफलता और सुरक्षा प्रदान करता है। यह देवत्व और मानवता के संतुलन का प्रतीक है।

विशेषताएँ:

आकार: बड़ा और संतुलित गोल

रंग: गहरा तांबे जैसा भूरा

ऊर्जा: समृद्ध, संतुलित, और विजयदायक

19 मुखी रुद्राक्ष के देवता

मुख्य देवता:

नर-नारायण (भगवान विष्णु के दो रूप) – तपस्वी, पालक, और ब्रह्मविद्या के ज्ञाता

स्वयं श्रीहरि – हर क्षेत्र में रक्षा और सफलता प्रदान करने वाले

गुप्त शक्ति:

तप, त्याग, धर्म, विजय, और इच्छा पूर्ति की शक्ति

19 मुखी रुद्राक्ष के चमत्कारी लाभ

भौतिक और व्यापारिक लाभ:

धन, व्यवसाय और आर्थिक निर्णयों में सफलता

निवेश, जमीन-जायदाद, शेयर बाजार आदि में लाभ

पदोन्नति और नए अवसरों की प्राप्ति

आत्मिक और तपस्वी लाभ:

ध्यान, योग, साधना में गहराई

तप में सफलता और संयम की वृद्धि

ब्रह्म ज्ञान और अंतर्दृष्टि में उन्नति

रक्षा और सफलता:

विरोधियों और बाधाओं से रक्षा

नकारात्मक शक्तियों, भय और भ्रम से मुक्ति

कार्यों में सुगमता और श्रेष्ठ परिणाम

पारिवारिक और दांपत्य संतुलन:

वैवाहिक जीवन में समझ और संतुलन

परिवार में शांति, समृद्धि और सामंजस्य

इच्छित संतान और कुल की वृद्धि

किन लोगों को 19 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए?

जो व्यवसाय, नेतृत्व, राजनीति या न्यायिक क्षेत्र में हैं

जो संपत्ति, सफलता, और स्थायी समृद्धि चाहते हैं

जो ध्यान, योग, और ब्रह्मज्ञान के मार्ग पर हैं

जिनकी कुंडली में गुरु या चंद्र दोष हो

जो जीवन में हर क्षेत्र में संतुलन और पूर्णता चाहते हों

19 मुखी रुद्राक्ष पहनने की विधि

शुभ दिन:

गुरुवार या एकादशी तिथि अत्यंत शुभ होती है

शुद्धिकरण विधि:

गंगाजल, दूध और शहद से रुद्राक्ष को स्नान कराएँ

पीले चंदन से तिलक करें

भगवान विष्णु या नरनारायण स्वरूप के समक्ष दीप और तुलसी अर्पित करें

मंत्र जाप:

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

(या)

ॐ ह्रीं नारायणाय नमः

108 बार मंत्र जाप करें और रुद्राक्ष को धारण करें

पहनने का तरीका:

पीले धागे, चाँदी या सोने की चेन में

गले या दाएँ हाथ में धारण करें

एकादशी या गुरु-पुष्य योग पर पहनना विशेष फलदायी

19 मुखी रुद्राक्ष पहनते समय सावधानियाँ

सत्य, संयम और पवित्रता का पालन करें

मांस, मदिरा, और छल-धोखे से दूर रहें

शौच, स्नान, या सहवास के समय रुद्राक्ष उतार दें

रुद्राक्ष को दूसरों को स्पर्श न करने दें

नियमित श्रीहरि का स्मरण और विशेष अवसरों पर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या 19 मुखी रुद्राक्ष से सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं?

हाँ, यह इच्छापूर्ति, संतुलन और चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) को प्रदान करता है।

क्या यह व्यापार और करियर में सफलता देता है?

बिलकुल! यह व्यावसायिक और निर्णयात्मक क्षेत्रों में अद्भुत सफलता और स्पष्टता देता है।

क्या महिलाएँ इसे पहन सकती हैं?

हाँ, यह स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से प्रभावशाली और सुरक्षित है।

क्या इसे कोई भी पहन सकता है?

यदि व्यक्ति श्रद्धा, संयम और सत्य के मार्ग पर है, तो यह रुद्राक्ष उसे हर क्षेत्र में आशीर्वाद देता है।

निष्कर्ष:

19 मुखी रुद्राक्ष एक ऐसा दिव्य रत्न है जो जीवन को संपूर्णता, संतुलन, सिद्धि और सुरक्षा प्रदान करता है।यह नर-नारायण की कृपा से जीवन को समृद्ध, शांत और उच्च चेतना से परिपूर्ण करता है।श्रद्धा और नियमपूर्वक धारण करने पर यह रुद्राक्ष आपके जीवन में भक्ति, शक्ति और विजय का अद्भुत संगम बना देता है।

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