10 मुखी रुद्राक्ष की सम्पूर्ण जानकारी – लाभ, पहनने की विधि, मंत्र और सावधानियाँ।

10 मुखी रुद्राक्ष

10 मुखी रुद्राक्ष का परिचय:

10 मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। यह रुद्राक्ष दसों दिशाओं की रक्षा करता है और जीवन में आने वाली अदृश्य, अनजानी और मानसिक बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। इसे नकारात्मक शक्तियों, तंत्र-मंत्र और बुरी नजर से रक्षा करने वाला रुद्राक्ष भी कहा जाता है।यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो भय, भ्रम, ऊपरी बाधा, कोर्ट केस या ग्रह पीड़ा से जूझ रहे हैं।

10 मुखी रुद्राक्ष क्या है?

10 मुखी रुद्राक्ष वह दिव्य बीज होता है जिसमें दस समानांतर मुख या धारियाँ होती हैं। यह रुद्राक्ष नेपाल और इंडोनेशिया में पाया जाता है। यह व्यक्ति के चारों ओर ऊर्जा का सुरक्षा कवच तैयार करता है, जिससे बुरी शक्तियाँ पास नहीं आ पातीं।

विशेषताएँ:

आकृति: गोल या अंडाकार

रंग: गहरा भूरा

बनावट: दस धारियाँ – समान रूप से फैली हुई

10 मुखी रुद्राक्ष के देवता

मुख्य देवता: भगवान विष्णु – पालनकर्ता और रक्षक

गुप्त शक्ति: दशदिशाओं के रक्षक देवता, सभी दिशाओं की रक्षा करते हैं

10 मुखी रुद्राक्ष के चमत्कारी लाभ

सुरक्षा और रक्षा:

तंत्र-मंत्र, ऊपरी बाधा, नज़र दोष से सुरक्षा

मानसिक भय, भ्रम और चिंता से राहत

दसों दिशाओं में रक्षण – अदृश्य शक्तियों से रक्षा

कानूनी और पारिवारिक लाभ:

कोर्ट केस, झगड़े, विवाद, विरोधियों में विजय

पारिवारिक अशांति से राहत

व्यावसायिक सहयोगियों से चल रही खटपट को दूर करता है

मानसिक और आत्मिक लाभ:

मन को संतुलित करता है

जीवन के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण और सकारात्मकता देता है

योग और ध्यान में स्थिरता प्रदान करता है

शारीरिक लाभ:

तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को मजबूत करता है

अनिद्रा और डिप्रेशन में लाभ

शरीर की ऊर्जा प्रणाली को संतुलित करता है

किन लोगों को 10 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए?

जो नकारात्मक ऊर्जा, डर या बुरी शक्तियों से परेशान हैं

जो कोर्ट केस, विरोध, दुश्मनी में फँसे हैं

जो अनजाने भय, भ्रम, अनिद्रा या चिंता से ग्रस्त हैं

जिनकी कुंडली में शनि, राहु, केतु या चंद्र दोष हो

जो व्यावसायिक असुरक्षा या धोखा से बचना चाहते हों

10 मुखी रुद्राक्ष पहनने की विधि

शुभ दिन:

रविवार या गुरुवार – विष्णु और सूर्य देव से संबंधित

शुद्धिकरण विधि:

रुद्राक्ष को गंगाजल, दूध और शहद से स्नान कराएँ

पीले चंदन का तिलक लगाएँ

भगवान विष्णु के चित्र या विष्णु यंत्र के समक्ष रखें

मंत्र जाप:

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

(या)

ॐ विष्णवे नमः

108 बार मंत्र जाप करें और फिर रुद्राक्ष को धारण करें

पहनने का तरीका:

पीले धागे, चाँदी या तांबे की चेन में गले या दाएँ हाथ में पहनें

इसे विष्णु मंदिर में स्थापित कराकर भी धारण किया जा सकता है

10 मुखी रुद्राक्ष पहनते समय सावधानियाँ

मांस, मदिरा, झूठ, क्रोध और छल से बचें

स्नान, शौच या सहवास के समय इसे उतार दें

इसे दूसरों को न पहनाएँ या छूने न दें

सप्ताह में कम से कम एक बार गंगाजल से शुद्ध करें

विष्णु सहस्रनाम या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का नित्य जप करें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या 10 मुखी रुद्राक्ष बुरी नज़र और ऊपरी बाधा से बचाता है?

हाँ, यह रुद्राक्ष नकारात्मक शक्तियों के विरुद्ध एक मजबूत सुरक्षा कवच बनाता है।

क्या यह कोर्ट केस में मदद करता है?

बिलकुल! यह विरोधियों से रक्षा करता है और न्याय प्राप्ति में सहायक है।

क्या इसे महिलाएँ पहन सकती हैं?

हाँ, यह रुद्राक्ष स्त्री और पुरुष दोनों के लिए अत्यंत फलदायक है।

क्या यह हर किसी के लिए सुरक्षित है?

हाँ, लेकिन यदि व्यक्ति अत्यधिक क्रोधी, अहंकारी या अपवित्र जीवन जी रहा हो, तो प्रभाव में कमी आ सकती है।

निष्कर्ष:

10 मुखी रुद्राक्ष जीवन की अनजानी, अदृश्य और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करने वाला एक दिव्य रक्षक है।यह भगवान विष्णु की कृपा से न केवल बाहरी विघ्नों को हरता है, बल्कि मन के भय और भ्रम को भी शांत करता है।जो इसे श्रद्धा और नियमपूर्वक धारण करता है, वह जीवन में संतुलन, सफलता और शांति को अनुभव करता है।

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