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Toggle17 मुखी रुद्राक्ष का परिचय:
17 मुखी रुद्राक्ष को माँ कात्यायनी और भगवान विष्णु का संयुक्त स्वरूप माना गया है। यह रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ और दिव्य है, जो धन, संतान सुख, आध्यात्मिक जागरण और सौभाग्य का प्रतीक है।इसे सप्तदशमुखी रुद्राक्ष भी कहा जाता है, जो धारक को भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करने की क्षमता रखता है।
यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जो धार्मिक जीवन के साथ-साथ सांसारिक सुख-संपत्ति और कुल वृद्धि की भी कामना रखते हैं।
17 मुखी रुद्राक्ष क्या है?
17 मुखी रुद्राक्ष वह पवित्र बीज है जिसमें सत्रह धारियाँ (मुख) होती हैं। यह अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली होता है, और इसे धारण करने से अप्रत्याशित रूप से धन, संतान सुख और आध्यात्मिक संतुलन की प्राप्ति होती है।
विशेषताएँ:
आकृति: मध्यम आकार, संतुलित गोल
रंग: गहरा भूरा या तांबे जैसा
ऊर्जा: शुभ, सौम्य और तेजस्वी
17 मुखी रुद्राक्ष के देवता
मुख्य देवता:
माँ कात्यायनी – शक्ति, संतान सुख और स्त्रीत्व की देवी
भगवान विष्णु – पालनकर्ता, वैभव और सौभाग्य के स्वामी
गुप्त शक्ति:
कुल की वृद्धि, विवाह में सफलता, धन लाभ, आध्यात्मिक जागरण
17 मुखी रुद्राक्ष के चमत्कारी लाभ
संतान सुख और कुल वृद्धि:
दांपत्य जीवन में संतुलन और सौहार्द
संतान प्राप्ति में सहायता
कुल और वंश वृद्धि का प्रतीक
धन, व्यापार और सुख-संपत्ति:
व्यापार में अचानक लाभ
कार्यों में सफलता और शुभ अवसर
धन, जायदाद और पैतृक सुख में वृद्धि
आध्यात्मिक और मानसिक लाभ:
आत्मिक जागरण और मन की स्थिरता
ध्यान और साधना में गहराई
कर्मों की शुद्धि और मोक्ष की दिशा में प्रगति
वैवाहिक और स्त्री सुख:
विवाह में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं
महिला रोग, गर्भधारण और भावनात्मक संतुलन में सहायता
स्त्रियों के लिए विशेष फलदायी
किन लोगों को 17 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए?
जो संतान सुख, वंश वृद्धि या विवाह में बाधा झेल रहे हों
जिनकी कुंडली में गुरु, शुक्र या चंद्र दोष हो
जो भविष्य की चिंता, घर-परिवार की उन्नति, या संतुलित जीवन चाहते हों
साधक, गृहस्थ, महिलाएं और नवविवाहित दंपत्ति
17 मुखी रुद्राक्ष पहनने की विधि
शुभ दिन:
गुरुवार या शुक्रवार, नवरात्रि के दिन विशेष फलदायी
शुद्धिकरण विधि:
रुद्राक्ष को गंगाजल, दूध, शहद और केसर में स्नान कराएँ
माँ कात्यायनी या भगवान विष्णु के सामने दीपक और पुष्प अर्पित करें
लाल या पीले कपड़े में रुद्राक्ष को रखें
मंत्र जाप:
ॐ ह्रीं कात्यायन्यै नमः
(या)
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
108 बार मंत्र जाप करें और रुद्राक्ष को धारण करें
पहनने का तरीका:
चाँदी, पीतल या रेशमी धागे में गले या दाएँ हाथ में पहनें
देवी उपासना के साथ धारण करने से विशेष सिद्धि प्राप्त होती है
17 मुखी रुद्राक्ष पहनते समय सावधानियाँ
मांस-मदिरा, झूठ और असत्य आचरण से बचें
शुद्धता और नियम का पालन करें
स्नान, शौच और सहवास के समय रुद्राक्ष उतार दें
हर शुक्रवार गंगाजल से शुद्ध कर देवी को अर्पित करें
इसे कभी किसी को उधार या सार्वजनिक रूप से न दिखाएँ
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या यह संतान सुख के लिए उपयुक्त है?
हाँ, यह विशेष रूप से गर्भधारण, संतान प्राप्ति, और पारिवारिक सुख के लिए फलदायी है।
क्या महिलाएं इसे पहन सकती हैं?
बिलकुल! यह माँ कात्यायनी का स्वरूप है और महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
क्या यह व्यापार या करियर में लाभ देता है?
हाँ, यह गुरु ग्रह की तरह शुभ फल देता है – बुद्धिमत्ता, अवसर और सौभाग्य बढ़ाता है।
क्या इसे रोज़ पहन सकते हैं?
हाँ, लेकिन पवित्रता और नियम का पालन करते हुए।
निष्कर्ष:
17 मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य, संतान सुख, आध्यात्मिक जागरण और कुल की उन्नति का परम प्रतीक है।यह रुद्राक्ष जीवन में शांति, प्रेम, समृद्धि और मोक्ष की ओर बढ़ने में सहायक होता है।श्रद्धा, संयम और विधिपूर्वक धारण करने पर यह रुद्राक्ष जीवन को चमत्कारिक रूप से बदल सकता है।
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