Top Sanjay Mittal Bhajan Lyrics – संजय मित्तल भजन लिरिक्स

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इस ब्लॉग में “Sanjay Mittal Bhajan Lyrics” हिंदी में प्रस्तुत किए गए हैं। ये संजय मित्तल भजन लिरिक्स आपके मन में खाटू श्याम जी और अन्य देवी-देवताओं के प्रति भक्ति भाव की धारा प्रवाहित करने में समर्थ हैं।

इन संजय मित्तल जी के भजन के माध्यम से आप श्याम बाबा की भक्ति का अनूठा आनंद प्राप्त करेंगे। संजय मित्तल भक्ति संगीत के जाने-माने गायक और गीतकार हैं, और उनकी मधुर आवाज़ और भजनों के बोल आपकी आत्मा को गहराई से छू लेंगे।

संजय मित्तल के गाए हुए भजन न केवल खाटू श्याम जी की महिमा का बखान करते हैं, बल्कि इनमें भक्ति और श्रद्धा का अनूठा समागम देखने को मिलता है।

इन भजनों के बोल और सुर मन और आत्मा में भक्ति भावना की ज्योत प्रज्वलित करेंगे। इस पेज पर प्रस्तुत Sanjay Mittal Bhajan Lyrics का आनंद लें और श्याम बाबा की भक्ति में खो जाएं।

Table of Contents

श्याम थारी चौखट पे आयो हु हार के भजन लिरिक्स – Shyam Thari Chaukhat Pe Aayo Hu Haar Ke Lyrics in Hindi 

श्याम थारी चौखट पे आयो हु हार के

लायक बनालो महाने, थारे दरबार के

लायक बणाल्यो महाने……………..

हारयोडा का साथी थाने,साथी बतावे हे

देख लायो अट्ठीने कानी लाज महारी जावे हे

कदसे खड्यो हु बाबा,हाथ पसार के

लायक बणाल्यो महाने…………….

थक सो गया हु बाबा,जग के झमेले में

जियो घबरावे महारो,सोच के अकेले में

कालजे लगोले अब थे,अवगुण बिसार  के

लायक बणाल्यो महाने………………..

सुख में तो यो जग सारो,साथ निभावे हे

पण दुखड़े में कोई,निडे नहीं आबे हे

डगमग हे नैया म्हारी,बिन पतवार के

लायक बणाल्यो महाने……………

थारो साथ पाकर में भी जिनो सिख जाउगो

थे भी ठुकराओगए तो जी नहीं पाउगो

हार के आयो हे बिन्नू,द्वारे सरकार के

लायक बणाल्यो म्हाने……………

श्याम थारी चौखट पे आयो हु हार के Sanjay Mittal Bhajan Lyrics का महत्व और संदेश

“श्याम थारी चौखट पे आयो हूँ हार के” भजन यह सिखाता है कि जब जीवन में हर रास्ता बंद लगने लगे, तब श्याम बाबा की शरण में जाना ही सबसे सही निर्णय है। बाबा का आशीर्वाद हर संकट को दूर करता है और जीवन में नई रोशनी लाता है।

कभी रुठना ना मुझसे तू श्याम सांवरे भजन लिरिक्स – Kabhi Ruthna Na Mujhse Tu Shyam Saware  Lyrics in Hindi

कभी रुठना ना मुझसे तू श्याम सावरे,

मेरी ज़िंदगी है तू तेरे नाम सावरे,

मेरे सावरे सबेरा तेरे नाम से,

तेरे नाम से ही ज़िंदगी की शाम सावरे,

चिंतन हो सदा मन मे तेरा,

चरनो मे तेरा मेरा ध्यान रहे,

चाहे दुख मे रहु चाहे सुख मे रहु,

होंठो पे सदा तेरा नाम रहे,

तेरे नाम से ही मेरी पहचान है, पहचान है,

तेरी सेवा मे ही मेरा कल्याण है, कल्याण है,

मेरा रोम रोम तेरा करजाई है,

तेरे कितने गिनाओ एहसान सावरे,

कभी रुठना ना मुझसे तू श्याम सावरे….

दिल तुमसे लगाना सीखा है,

तुमसे ही सीखा याराना,

जीवन को सावरा है तुमने,

बदले मे दू क्या नज़राना,

मैंने  दिल हरा ये भी तेरी प्रीत है, हा प्रीत है,

मेरी हार मे भी श्याम मेरी जीत है,

बस दिल की यही है एक आरजू,

तुझे दिल का बना लू मेहमान सावरे,

कभी रुठना ना मुझसे तू श्याम सावरे…..

दुनिया के मैं अवगुनन क्या देखु,

मेरे अवगुनन काई हज़ार प्रभु,

उन अवगुनन सब धक लोगे,

इतना है मुझे ऐतबार प्रभु,

मेरे अवगुनन से नज़ारो को फेर लो, हा फेर लो,

अपनी बाहों मे प्रभुजी मुझे घेर लो,

ऐसी कृपा करो ना इस दास पे,

रहे पापो का कोई निसान सावरे,

कभी रुठ ना मुझसे तू श्याम सावरे…….

कभी रुठना ना मुझसे तू श्याम सावरे,

मेरी ज़िंदगी है तू तेरे नाम सावरे

कभी रुठना ना मुझसे तू श्याम सांवरे Sanjay Mittal Bhajan lyrics का महत्व और सार:

संजय मित्तल का भजन “कभी रुठना ना मुझसे तू श्याम सांवरे” भक्तों के दिलों में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण को जाग्रत करता है। इस भजन के बोल इतने भावुक और गहराई से भरे हुए हैं कि यह हर भक्त को भगवान कृष्ण की भक्ति में डुबो देता है।Sanjay Mittal Bhajan lyrics अपनी सरलता और मधुरता के लिए जाने जाते हैं, जो सीधे भक्तों के हृदय तक पहुंचते हैं।

हारे के सहारे आजा, तेरा दास पुकारे आजा भजन लिरिक्स – Hare ke Sahare Aaja,Tera Daas Pukare Aaja Lyrics in Hindi

हारे के सहारे आजा,

तेरा दास पुकारे आजा,

हम तो खड़े तेरे द्वार,

सुनले करुण पुकार,

हारें के सहारे आजा,

तेरा दास पुकारे आजा ।।

लाख चाहू मगर,

बात बनती नहीं, क्या करूँ,

नाव भटके मेरी,

पार लगती नहीं, क्या करूँ,

कैसे नैया होगी पार,

टूट गयी पतवार, ओ श्याम,

अब हाथ तू आके, लगा जा,

कैसे नैया होगी पार,

टूट गयी पतवार, ओ श्याम,

अब हाथ तू आके, लगा जा,

हम तो खड़े तेरे द्वार,

सुनले करुण पुकार,

हारें के सहारे आजा,

तेरा दास पुकारे आजा,

हारे के सहारे आजा,

तेरा दास पुकारे आजा।।

आओ श्याम आओ श्याम

आओ श्याम आओ श्याम,

हारे के सहारे आजा,

तेरा दास पुकारे आजा,

हम तो खड़े तेरे द्वार,

सुनले करुण पुकार,

हारें के सहारे आजा,

तेरा दास पुकारे आजा।।

कोई सुनता नहीं,

मैं सुनाऊ किसे, ये बता,

कोई सुनता नहीं,

मैं सुनाऊ किसे,ये बता,

दर्द दिल का भला,

मैं दिखाऊ किसे, ये बता,

तेरे होते मेरी हार,

कैसे होगी सरकार,

तेरे होते मेरी हार,

कैसे होगी सरकार,

एक बार तू धीर बंधा जा,

हम तो खड़े तेरे द्वार,

सुनले करुण पुकार,

हारें के सहारें आजा,

तेरा दास पुकारे आजा,

हारे के सहारें आजा,

तेरा दास पुकारे आजा।।

है भरोसा तेरा,

अब सहारा तेरा, साँवरे,

अब सहारा तेरा, साँवरे,

तेरे चरणों में है,

अब गुजारा मेरा, साँवरे,

गंभीर ईक बार,

आजा लीले पे सवार,

हो मेरे श्याम ईक बार,

आजा लीले पे सवार

आके मोर छड़ी लगाजा

हम तो खड़े तेरे द्वार,

सुनले करुण पुकार,

हारें के सहारें आजा,

तेरा दास पुकारे आजा,

हारे के सहारें आजा,

तेरा दास पुकारे आजा।।

हारे के सहारे आजा,

तेरा दास पुकारे आजा,

हम तो खड़े तेरे द्वार,

सुनले करुण पुकार,

हारें के सहारें आजा,

तेरा दास पुकारे आजा ।।

हारे के सहारे आजा, तेरा दास पुकारे आजा Sanjay Mittal Bhajan Lyrics का महत्व और संदेश:

Sanjay Mittal Bhajan lyrics द्वारा प्रस्तुत भजन “हारे के सहारे आजा, तेरा दास पुकारे आजा” भक्तों के दिल को छूने वाला एक अद्भुत भक्ति गीत है। यह भजन भगवान की कृपा और शरणागति की भावना को व्यक्त करता है। Sanjay Mittal Bhajan lyrics in Hindi सरल और सजीव होते हैं, जो श्रोताओं को आध्यात्मिकता के गहरे अनुभव से जोड़ते हैं।

 श्याम नाम की पगली भजन लिरिक्स – Shyam Naam Ki Pagli Bhajan Lyrics in Hindi

श्याम नाम की पगली 

पति के नाम पे कुर्बान हो जाये जो औरत

दुनिया में अपना नाम अमर कर  जाये जो औरत

पति के लिए जो सब कुछ त्याग दे जो औरत

वही है सच्ची नारी वही है सच्ची औरत

एक है कहानी कहता हु मै जुबानी

एक है कहानी कहता हु मै जुबानी 

कलयुग में चमत्कार बाबा श्याम हो गया

जो भी गया है खाटू उसका काम हो गया

बंगाल में रहता था एक सेठ दम्पति

पति था कामदेव पत्नी सुंदरी सती

वश्यावृति में सेठ ने लुटा दी सम्पति

भिखारी जैसी हो गयी थी सेठ की गति

वश्यावृति में सेठ वो तो भोगी हो गया

वश्यावृति में कोढ़ का वो रोगी हो गया

वश्या ने कहा सेठ अब आना तुम नहीं

भिखारी कोढियो का ये ठिकाना है नहीं

ये ठिकाना है नहीं  ये ठिकाना है नहीं

वश्या के पास जाकर धन सम्पति लुटाकर

वश्या के पास जाकर धन सम्पति लुटाकर

सुंदर सती का पति बदनाम हो गया

जो भी गया है खाटू उसका काम हो गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

एक रोज पत्नी को एक सख्श मिल गया

बड़े भाग्य से श्री श्याम जी का भगत मिल गया

बोला भगत जो बिगड़ी किस्मत बनाईये 

फागुन में एक बार खाटू नगरी जाईये

खाटू नगरी जाईये खाटू नगरी जाईये

खाटू नगरी जाईये खाटू नगरी जाईये

फाल्गुन में पत्नी अपना मंगलसूत्र बेचकर

लेकर पति को चल पड़ी श्री श्याम के नगर

रस्ते में सुंदरी पे पड़ी एक पापी की नजर

बोला वो छोड़ कोढ़ी को चल रानी मेरे घर

पापी से पत्नी बोले ये कोढ़ इनका लेले

पर नारी भोगने का ये अंजाम हो गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

रिंग्स में वो भूखी रही पति को खिलाया

भिखारी से ठेला खरीद बांस मंगाया

पैसे भी ख़तम हो गये कोई काम न आया

साडी का पल्ला फाड़ क निशान बनाया

कोई एक चुटकी रंग भी उधार ना दिया

हर जिस्म को काटा और निशान रंग लिया

देखा जो श्याम भगतो ने पगली ने क्या किया 

देखा जो श्याम भगतो ने पगली ने क्या किया

निशान पर लहू से श्याम नाम लिख दिया

श्याम नाम लिख दिया

कोढ़ी को ला रही है एक पगली आ रही है

कोढ़ी को ला रही है एक पगली आ रही है

श्री श्याम भगतो में ये चर्चा आम हो गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

चलते चलते पगली थक के चूर हो गयी

भूखी प्यासी गिर पड़ी मजबूर हो गयी

उस गुप अन्धेरी रात में आ गया एक बालक

बालक था श्री कृषण तीनो लोक का पालक

पगली ने पुछा नाम तो गोपाल बताया

पगली को उठा गोद में वो पानी पिलाया

श्री खाटू धाम जाने का रस्ता बताया

मंदिर तक बालक उसके साथ में आया

पगली ने समझा बच्चा

श्री कृष्ण ने की रक्षा

पगली ने समझा बच्चा

श्री कृषण ने की रक्षा

मंदिर में आकर बालक अन्तरध्यान हो गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

फागुन में एक रात बड़ी अस्त वस्त थी

भगतो की भीड़ कीर्तन में मस्त मस्त थी

मंदिर के द्वार बंद थे पगली पहुच गयी

द्वारे पे सर पटक पटक कर पगली थी हस रही

हा हा हा हा

लोगो ने श्याम जी को रंग लगाया

एक पगली ने श्री श्याम जी को खून चढ़ाया

पगली हुइ बेहोश और बेहाल हो गयी

दरबारी श्याम की लहू से लाल हो गयी

लहू से लाल हो गयी

मजबूर पगली बोली

अब खेलो श्याम होली

रंग दूंगी तुज्को खून से क्यु श्याम सो गया

रंग दूंगी तुज्को खून से क्यु श्याम सो गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

कब आओगे कब आओगे आब आओगे 

लाज मेरी लुट जयेगी क्या तब आओगे

देर ना हो जाये कभी देर ना हो जाये

छाई घटाए तो बादल गरज पड़े

चारो दिशा में आंधी ओर तूफान गरज पड़े

एक हिनहिनाता घोडा दरबार को खड़े

मंदिर के ताले टूट पड़े और श्याम चल पड़े

प्रभु श्याम चल पड़े श्री श्याम चल पड़े

पगली का खून केसरिया रंग बन गया

कोढ़ी पति भी कामदेव बन गया

मंदिर में दोड़ती हुई वो वश्या आ गयी

जितनी ठगी थी दोलत वापस चढ़ा गयी

एक ढाढ़ी मुछ वाला पगली को उठाया

मस्तक पे हाथ फेर के जख्मो को मिटाया

पगली ने आख खोल के श्री श्याम को देखा

श्री श्याम ने बदल दी है दुर्भाग्य की रेखा

रमेश भगत गाता संजय भी ये सुनाता

रमेश भगत गाता संजय भी ये सुनाता

खाटू में सच्चा श्याम जी का धाम हो गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जो भी गया है खाटू उसका काम बन गया

जय श्री श्याम

 श्याम नाम की पगली Sanjay Mittal Bhajan Lyrics का महत्व और संदेश:

श्याम नाम की पगली  संजय मित्तल भजन लिरिक्स का बहुत प्यारा भजन है।  यह भजन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें भक्त प्रेम से “श्याम” कहते हैं, की भक्ति और उनकी कृपा का गुणगान करता है। यह भजन उन भक्तों को प्रेरित करता है जो श्याम जी के चरणों में अपनी आस्था रखते हैं।”श्याम नाम की पगली” भजन केवल एक भक्तिपूर्ण रचना नहीं है; यह संजय मित्तल जी की गायक प्रतिभा और उनकी भक्ति का प्रतीक है। इस भजन में श्याम बाबा की महिमा का गुणगान तो होता ही है, साथ ही संजय मित्तल जी की विशिष्टताएं भी झलकती हैं। वैसे तो Sanjay Mittal Bhajan lyrics के सभी भजन एक से बढ़कर एक है लेकिन  इस भजन की भाषा अत्यधिक सरल और भक्तिपूर्ण है, जो सीधे श्रोताओं के दिल को छू जाती है। यह किसी भी भक्त को भगवान श्याम के करीब ले जाने का सामर्थ्य रखता है।

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये भजन लिरिक्स – Baba Ye Naiya Kaise Dagmag Doli Jaye Bhajan Lyrics in Hindi

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये,

बिन मजी पतवार के इसको तू ही पार लगाए

दूर दूर नहीं दिखे किनारा लेहरे भी विसराये,

बादल भी है गरज रहे और मुझको रहे डराए,

जब के मैं सोच रहा तू अब आये तब आये,

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये

 

दुनिया है एक रंग मंच तू इसका निदेशक,

तू ही बनाये तू ही मिटाये तू ही इसका विषयष,

फिर क्यों ये तेरे हाथ के पुतले मुझको आंख दिखाए,

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये

 

तुझको ही मैं समजू अपना बाकि सब है पराये,

तेरे हाथो सब कुछ सम्बव तू ही लाज बचाये,

करदे एक इशारा नैया पार मेरी हो जाये,

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये

 

तीन बाण तरकश में तेरे चले तो ना रुक पाए,

बेहड़े तुम पतों की तरह फिर कोई भी न बच पाए

बेहदे तुम निर्मल की बिपदा पास मेरे जो आये,

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये

संजय मित्तल भजन लिरिक्स के “बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये” भजन का परिचय

Sanjay Mittal Bhajan Lyrics  के “बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये” भजन एक अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक भजन है, जो खाटू श्याम जी की कृपा और उनके भक्तों के प्रति करुणा को समर्पित है।संजय मित्तल के इस भजन में भक्त अपने जीवन को एक नैया (नाव) के रूप में देखता है, जो संसार रूपी सागर में संघर्ष कर रही है। वह श्याम बाबा से प्रार्थना करता है कि वे इस नैया को सुरक्षित किनारे तक ले जाएं।

डाकिया जा रे भजन लिरिक्स – Dakiya Jaa Re Bhajan Lyrics in Hindi

डाकिया जा रे..

श्याम ने संदेशो दीजिये,

श्याम ने जायत कहे दिज्ये,

भगत थारे दर्शन ने तरसे,

डाकिया जा रे ..

कोनसे गांव थारो  श्याम बरसो है इतना म्हणे बता दे,

सवेक रे…

अगर तेरे पास ह कोई निशने म्हणे तू दिखला दे,

किया जाँऊगा पेहचान मैं हु छोरो अनजान,

किया श्याम सु होसी मिलन,

खाटू में हे श्याम जी को मंदिर शिखर धवजा लहरावे,

डाकिया ओ…….

ड्योडी पर हनुमान बिराजे सेवक चवर धुलावे,

बनके नौबत बजे बार गूंजे हरदम जय जय कार,

सज धज बैठो ह श्याम साजन

डाकिया जा रे…….

पहुंच गया दरबार श्याम के बोलन लगाया सन्देश,

बाबा ओ……..

बन बेठ्यो कद श्याम दीवानो कुछ न रयो आदेशों

आखाड़े ले सो बरसे धार जाइए सावन के फुहार,

देख सावरिया बोलियों यह वचन

डाकिया जा रे….  

कहे दीजिये तू जाये सेवक ने तेरो बुलावो आ सी,

सेवक रे….

सब के आस पुरहु तो तू कइया रहे पासी,

तेरे सारे जणू हु बात पूरी कर शु मन की आस,

पर बढ़ा मेरे काने कदम,

डाकिया जा रे….

आआ आ आ आ आ…

चिठ्ठी आई है आई है,

चिट्ठी आये है  खाटू से चिट्ठी आई है,

बड़े दिनों के बाद मेरे श्याम धनि को आज,

भगत की याद सताई हे,

चिट्ठी आई हे ……

सुन संदेशो सावरिया को मनरो घणो हरशायो,

बाबा ओ…..

बंध गया पाँव म घुगरिआ सा मान को मोरयो गया,

महारा श्याम बादो दिलदार हो जाओ लेवण ने तैयार,

महिमा गावे ह कमल किशन  

डाकिया जा रे..

संजय मित्तल भजन लिरिक्स के “डाकिया जा रे” भजन की खासियत:

संजय मित्तल भजनों में भक्ति संगीत के जाने-माने गायक और गीतकार हैं। उन्होंने खाटू श्याम जी पर आधारित कई भजन गाए हैं, जो भक्तों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं। उनकी आवाज़ में गाए गए भजन, जैसे “डाकिया जा रे”, खाटू श्याम जी की महिमा और भक्ति को अनोखे अंदाज़ में प्रस्तुत करते हैं। Sanjay Mittal Bhajan Lyrics भक्तों के दिलों में खास जगह रखते हैं और उनके गीतों में खाटू श्याम जी के प्रति प्रेम और श्रद्धा का अनोखा भाव देखने को मिलता है।

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में भजन लिरिक्स – Hajri Likhwata Hu Har Gyaras Mein Bhajan Lyrics in Hindi

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में,

मिलती है तन्खा मुझे बारश में,

दो दिन के बदले में तीस दिनों तक मौज करू,

अपने ठाकुर की सेवा भजनो से रोज करू,

रहता है तू सदा भक्तो के वश में,

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में,

दो आंसू जब बह जाते है चरणों में तेरे,

करता है घर की रखवाली जा कर तू घर मेरे,

झूठी ना खता हु दर पे मैं कस्मे,

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

दुनिया की हर मौजे छूटे ग्यारस न छूटे,

श्याम के संग हर बार तेरे दर की मस्ती लुटे,

मिल गया तू मुझे भजनो के रस्मे,

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

संजय मित्तल भजन लिरिक्स के “हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में” भजन का महत्व और संदेश:

Sanjay Mittal Bhajan Lyrics  के “हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में” भजन को खाटू श्याम जी की भक्ति के संदर्भ में गाया और समझा जाता है। खाटू श्याम जी, जिन्हें कलियुग के देवता और भगवान श्रीकृष्ण के वरदान से “श्याम” नाम से पुकारा जाता है, को भक्त अपने आराध्य के रूप में मानते हैं।

संजय मित्तल भजन लिरिक्स के इस भजन के बोल यह संकेत देते हैं कि जो भक्त नियमित रूप से खाटू श्याम जी के दरबार में आते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए ग्यारस का व्रत रखते हैं। यह भजन न केवल श्याम बाबा की महिमा को गाता है, बल्कि भक्त और भगवान के बीच आत्मीय संबंध का प्रतीक भी है।

दुनिया बदल दी मेरी दुनिया बदल दी मेरी भजन लिरिक्स – Duniya Badal Di Meri Bhajan Lyrics in Hindi

दुनिया बदल दी मेरी दुनिया बदल दी मेरी ,

जलवा दिखा के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

मैं कौन था कहा था कोई जानता नहीं था ,

कोई मुसिबतो में पहचानता नहीं था,

अपना बना के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

जलवा दिखा के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

सुनते अर्ज हो मेरी महसूस कर रहा हु,

हम पे निगहा तेरी मेहसुस कर रहा हु,

रेहमत लुटा के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

जलवा दिखा के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

ये सँवारे का जादू सिर चढ़ के बोलता है,

ये श्याम नाम मन में अमृत सा घोलता है,

जादू चला के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

जलवा दिखा के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

गंभीर महिमा तेरी ऐसे ही नहीं गाता,

जब जब भी नव अटकी भव पार तू लगाता,

किस्मत जगा के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

जलवा दिखा के तूने दुनिया बदल दी मेरी,

Sanjay Mittal Bhajan Lyric के “दुनिया बदल दी मेरी” भजन का परिचय

“दुनिया बदल दी मेरी” एक भावपूर्ण भजन है, जो खाटू श्याम जी की महिमा और उनकी कृपा का गुणगान करता है। संजय मित्तल के इस भजन में भक्त अपनी जीवन यात्रा और श्याम बाबा की कृपा से आए बदलाव को व्यक्त करता है। भजन के बोल भक्त और भगवान श्याम के बीच गहरी आत्मीयता को उजागर करते हैं, जहां भक्त स्वीकार करता है कि श्याम बाबा ने उसकी कठिनाइयों को समाप्त कर, उसके जीवन को नया रूप दिया।

मेरी लाज रखना भजन लिरिक्स – Meri Laaj Rakhna Bhajan Lyrics in Hindi

मेरी लाज रखना मेरी लाज रखना,

तेरी शरण में आया मैं बाबा हाथ रखना,

मेरी लाज रखना…….

तू है दाता मैं हु भिखारी,

कैसे निभे गी अपनी यारी,

बन के भिखारी मैं आया बाबा,

झोली भरना,मेरी लाज रखना …..

अपने दर पे देना ठिकाना बुरे कर्म से मुझे बचाना,

बनके सवाली आया मैं बाबा हाथ रखना,

मेरी लाज रखना ………

हाथ जोड़कर तुम्हे मनाऊ,

अख के अनसु भेट चढ़ाऊ,

बनवारी इन्हे मोती समज कर सवीकार कर,

मेरी लाज रखना ………

संजय मित्तल भजन लिरिक्स के “मेरी लाज रखना” भजन का भावार्थ:

Sanjay Mittal Bhajan Lyric के भजन “मेरी लाज रखना” का मुख्य संदेश यह है कि जब एक भक्त सभी प्रयासों के बाद असहाय महसूस करता है, तो वह अपने प्रभु के पास पूर्ण विश्वास और समर्पण के साथ लौटता है। यह भाव प्रकट करता है कि भगवान ही वह शक्ति हैं जो हर कठिनाई का समाधान कर सकते हैं।

संजय मित्तल के इस भजन में भक्त यह भी स्वीकार करता है कि मनुष्य अपूर्ण है और गलतियां करना उसकी प्रकृति है। लेकिन वह भगवान से प्रार्थना करता है कि उसकी भूलों को नजरअंदाज कर, उसकी रक्षा करें। यह भजन भगवान के प्रति संपूर्ण समर्पण और उनकी अनुकंपा में विश्वास का प्रतीक है।

एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है भजन लिरिक्स – Ek Aas Tumhari Hai Lyrics in Hindi

एक आस तुम्हारी है,

विश्वास तुम्हारा है,

अब तेरे सिवा बाबा,

कहो कौन हमारा है,

एक आस तुम्हारी है,

विश्वास तुम्हारा है ॥

फूलों में महक तुमसे,

तारों में चमक तुमसे,

मेरे बाबा…..,

”इतना बता दो कहा तुम नहीं हो,

ये सब को पता है की तुम हर कहीं हो,

अगर तुम ना होते तो दुनिया ना होती,

अँधेरा मिटाती है तेरी ही ज्योति,

अँधेरा मिटाती है तेरी ही ज्योति।”

फूलों में महक तुमसे,

तारों में चमक तुमसे

बर्फो में शीतलता,

अग्नि में धधक तुमसे,

अग्नि में धधक तुमसे,

जिस ओर नज़र डालू,

तेरा ही नजारा है,

अब तेरे सिवा बाबा,

कहो कौन हमारा है।

एक आस तुम्हारी हैं,

विश्वास तुम्हारा है ॥

मझधार में नैया है,

मजबूर खिवैया है,

कन्हैया………………

”विश्वास मेरा ये टूटे ना प्यारे,

तुम्हीको लगानी है नैया किनारे,

चले आओ ढूंढो ना कोई बहाना

सोचो जरा है ये रिश्ता पुराना,

सोचो जरा है ये रिश्ता पुराना।“

मझधार में नैया है,

मजबूर खिवैया है,

नैया का खिवैया तो,

अब तू ही कन्हैया है,

अब तू ही कन्हैया है,

भव पार लगा बाबा,

मझधार किनारा है,

अब तेरे सिवा बाबा,

कहो कौन हमारा है।

एक आस तुम्हारी हैं,

विश्वास तुम्हारा है ॥

इस तन में रमे हो तुम,

इस मन में रमे हो तुम,

ऐ मेरे बाबा……

“तुझसे जुडी है मेरी हर कहानी,

तुम्ही दे रहे हो मुझे दाना पानी,

ये अहसान तेरा मैं कैसे चुकाऊं,

दिया है जो तूने मैं ना भूल पाऊं,

दिया है जो तूने मैं ना भूल पाऊं।“

इस तन में रमे हो तुम,

इस मन में रमे हो तुम,

मैं तुमको कहा ढूँढूँ,

इस दिल में बसे हो तुम,

इस दिल में बसे हो तुम,

घनश्याम दरस दे दो,

कोई ना हमारा है,

अब तेरे सिवा बाबा,

कहो कौन हमारा है ।

एक आस तुम्हारी हैं,

विश्वास तुम्हारा है ॥

एक आस तुम्हारी है,

विश्वास तुम्हारा है,

अब तेरे सिवा बाबा,

कहो कौन हमारा है,

एक आस तुम्हारी है,

विश्वास तुम्हारा है ॥

संजय मित्तल भजन लिरिक्स के एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है भजन का सारांश:

Sanjay Mittal Bhajan Lyric एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है भजन की शुरुआत एक गहन श्रद्धा और भगवान पर निर्भरता से होती है। संजय मित्तल के इस भजन में भक्त अपनी स्थिति को स्वीकार करते हुए कहता है कि भगवान ही उसकी अंतिम आशा और विश्वास हैं। वह मानता है कि इस संसार में अनेक कठिनाइयां और परेशानियां हैं, लेकिन भगवान का सहारा ही उन्हें पार करने का साधन है।

बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा भजन लिरिक्स – Baba Karle Tu Ithe Bhi Nazar Bhagat Koi Rota Hoyega Lyrics in Hindi

बाबा करले तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा,

आया होगा हार के वो हर डगर,

आया होगा हार के वो हर डगर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥

तेरी दुनिया में नहीं आता,

बाबा कोई काम है,

कहते है खाटू विच,

मिलता आराम है,

ये ही आस ले आया हूँ तेरे दर,

ये ही आस ले आया हूँ तेरे दर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥

मैं भी हार के आया था बाबा,

कभी तेरे द्वार पे,

सर पे रखा था मेरे,

हाथ तूने प्यार से,

थोड़ी इन पे भी कर दे मेहर,

थोड़ी इन पे भी कर दे मेहर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥

मेरी बिगड़ी बनाई,

अब इनकी बनानी है,

यूँ ही नहीं बाबा तेरी,

दुनिया दीवानी है,

तुझे लेनी होगी इनकी भी खबर,

तुझे लेनी होगी इनकी भी खबर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥

तेरी पड़ेगी नजर,

दुनिया फेरेगी नजर,

तेरी ही कृपा का बाबा,

होवेगा असर,

गाने लगेगा वो झूम झूम कर,

गाने लगेगा वो झूम झूम कर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥

बाबा करले तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा,

आया होगा हार के वो हर डगर,

आया होगा हार के वो हर डगर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥

संजय मित्तल भजन लिरिक्स के “बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा” भजन का उद्देश्य:

Sanjay Mittal Bhajan Lyrics के बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा भजन का उद्देश्य  भगवान की महिमा का गुणगान करना और उनकी कृपा से संसार के दुःखों को दूर करने का निवेदन करना है। भजन यह सिखाता है कि भगवान हर जीव के रक्षक और सहारा हैं। भक्त भगवान से करुणा और दया की उम्मीद करता है और यह प्रार्थना करता है कि उनकी कृपा हर उस व्यक्ति तक पहुँचे, जो किसी भी प्रकार की परेशानी में है।

संजय मित्तल का भजन यह संदेश देता है कि भगवान केवल उन्हीं की मदद नहीं करते जो उनकी पूजा करते हैं, बल्कि उन सभी की सहायता करते हैं, जो उन्हें सच्चे मन से पुकारते हैं। यह भजन हमें सिखाता है कि दूसरों के लिए प्रार्थना करना भी भक्ति का एक महत्वपूर्ण रूप है।

मेरी हार नहीं होगी भजन लिरिक्स – Meri Haar Nahi Hogi  Lyrics in Hindi

हार नहीं होगी, हार नहीं होगी,

हार नहीं होगी, हार नहीं होगी,

हार नहीं होगी, हार नहीं होगी……

ये प्रार्थना दिल की बेकार नहीं होगी,

पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी,

सांवरे जब तू मेरे साथ है,

सांवरे सिर पे तेरा हाथ है,

सांवरे जब तू मेरे साथ है,

सांवरे सिर पे तेरा हाथ है…….

मैं हार जाऊं ये, कभी हो नहीं सकता,

बेटा अगर दुख में, पिता सो नहीं सकता,

बेटे की हार तुम्हें, स्वीकार नहीं होगी,

पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी,

सांवरे जब तू मेरे साथ है,

सांवरे सिर पे तेरा हाथ है…….

विश्वास नानी का, द्रोपदी का रंग लाया,

बहना का भाई बन, खुद सांवरा आया,

इज्जत ज़माने में, शर्मशार नहीं होगी

पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी,

सांवरे जब तू मेरे साथ है,

सांवरे सिर पे तेरा हाथ है…….

जो हार जातें हैं, उनको जिताता है,

मोहित कहे बाबा किस्मत जगाता है,

दुनियां में ऐसी तो सरकार नहीं होगी,

पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी,

सांवरे जब तू मेरे साथ है,

सांवरे सिर पे तेरा हाथ है……..

ये प्रार्थना दिल की बेकार नहीं होगी,

पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी,

सांवरे जब तू मेरे साथ है,

सांवरे सिर पे तेरा हाथ है,

सांवरे जब तू मेरे साथ है,

सांवरे सिर पे तेरा हाथ है…….

संजय मित्तल भजन लिरिक्स ”मेरी हार नहीं होगी” भजन का उद्देश्य व निष्कर्ष:

Sanjay Mittal Bhajan Lyrics मेरी हार नहीं होगी यह भजन हमें सिखाता है कि कठिनाइयों में भी हार नहीं माननी चाहिए। भगवान के प्रति आस्था और अपने प्रयासों के माध्यम से, जीवन में हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।

संजय मित्तल का यह भजन हमें यह भी याद दिलाता है कि भगवान हमारे अंदर वही ताकत रखते हैं, जो हमें हर परिस्थिति में सफल बना सकती है। यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन के हर कदम पर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें।

हार के आया हूँ अब दे आसरा भजन लिरिक्स – Har ke Aaya Hu Ab De Aasra Bhajan Lyrics in Hindi

ऐ मेरे सँवारे तू बात रास्ता,

हार के आया हूँ अब दे आसरा,

ना कोई मेरा तू बन जा साथी संवारा,

हार के आया हूँ अब दे आसरा,

छाई काली घटा छाया अँधियारा है करदे रोशनी दिल से पुकारा है,

तेरे लिए सब संभव जैसा भी हो माजरा,

हार के आया हूँ अब दे आसरा…..

देने की आदत तेरी तेरा दस्तूर है,

ले ना पाया शयद मेरा कसूर है,

भरदे अब झोली जैसा भरा मायरा,

हार के आया हूँ अब दे आसरा…….

ख्वाइसए अस्मा दिल तो नादान था,अपनी औकात से मैं तो अनजान था,

जाना गिर के मैंने क्या है मेरा दायरा,

हार के आया हूँ अब दे आसरा…….

तेरे निर्मल बाबा तू ही अनजान है फैसला मंजूर जा ये तेरे नाम है,

होगा वही जो तू चाहेगा,

हार के आया हूँ अब दे आसरा………

संजय मित्तल भजन लिरिक्स “हार के आया हूँ अब दे आसरा” भजन का उद्देश्य व निष्कर्ष:

Sanjay Mittal Bhajan Lyrics हार के आया हूँ अब दे आसरा भजन सिखाता है कि जब हम अपने जीवन में हार का सामना करते हैं, तो हमें अपनी हार स्वीकार कर भगवान से सहायता मांगनी चाहिए।

संजय मित्तल का यह भजन हमें याद दिलाता है कि भगवान की कृपा हर समस्या को हल कर सकती है। जब सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं, तब भगवान का दरवाजा हमेशा खुला होता है। संजय मित्तल का यह भजन हमें भगवान के प्रति हमारी आस्था को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

मैं उस दरबार का सेवक हु भजन लिरिक्स – Main Us Darbaar Ka Sevak Hu Bhajan Lyrics in Hindi

मैं उस दरबार का सेवक हु जिस दर की अमर कहानी है,

मैं गर्व से जग में केहता हु मेरा मालिक शीश का दानी है,

 

इनके दरबार के नोकर भी दुनिया में सेठ कहाते है,

जिनको है मिली सेवा इनकी वो किस्मत पे इतराते है,

जो श्याम की सेवा रोज करे,

वो रात दिवस फिर मौज करे जिन पर इनायत है बाबा की खुद खुशियाँ खोज करे,

मैं उस दरबार का सेवक हु जिस दर की अमर कहानी है,

 

जब भी कोई चीत्कार करे तो इनका सिंगासन हिलता है,

ये रोक नही पाता खुद को झट जा कर उस को मिलता है,

जो श्याम प्रभु से आस करे बाबा न उनको निरास करे,

उन्हें खुद ये राह दिखाता है जो आँख मूंद विस्वाश करे,

मैं उस दरबार का सेवक हु जिस दर की अमर कहानी है,

 

जिसने भी श्याम की चोकठ पर कर के माथा टेका है,

उस ने मुड कर के जीवन में वापिस न फिर कभी देखा है,

माधव जब श्याम सहारा है तो जीवन में पो बारा है ,

जो हार गया इक बार याहा वो हारा नही दोबारा है,

मैं उस दरबार का सेवक हु जिस दर की अमर कहानी है,

 

संजय मित्तल भजन लिरिक्स “मैं उस दरबार का सेवक हु ” भजन का महत्व और सार:

Sanjay Mittal Bhajan lyrics मैं उस दरबार का सेवक हूँ केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है। यह भजन भक्तों को श्याम बाबा की भक्ति में लीन कर देता है और उनके चरणों में स्वयं को समर्पित करने की प्रेरणा देता है। संजय मित्तल जी के भजनों से न केवल भक्तों को आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि वे भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को भी गहराई से अनुभव कर सकते हैं।संजय मित्तल जी द्वारा गाया गया भजन “मैं उस दरबार का सेवक हूँ” खाटू श्याम जी की महिमा का गुणगान करता है। यह भजन श्याम भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है और उनके भक्ति-भाव को जागृत करता है। इसमें भक्त अपने आराध्य श्री श्याम बाबा के चरणों में स्वयं को समर्पित करता है और यह अनुभव करता है कि उसकी सेवा ही उसका सबसे बड़ा सौभाग्य है। संजय मित्तल जी की मधुर वाणी और भक्ति से परिपूर्ण इस भजन को सुनकर भक्तगण श्रद्धा और प्रेम में डूब जाते हैं।

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