तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना भजन लिरिक्स (Teen Ban Ke Dhari Teeno Ban chalao Na Lyrics in Hindi)

तीन बाण के धारी

तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना – भजन 

अंधेरो की नगरी से,

कैसे मैं पार जाऊं।

श्याम अब लेने आजा,

हौसला हार ना जाऊं॥

 

तीन बाण के धारी,

तीनो बाण चलाओ ना।

मुश्किल में है दास तेरा,

अब जल्दी आओ ना॥

 

तीन बाण के धारी,

तीनो बाण चलाओ ना।

मुश्किल में है दास तेरा,

अब जल्दी आओ ना॥

 

हारे के सहारे…

मेरे हारे के सहारे,

हारे के सहारे,

मेरी हार हराओ ना॥

 

तीन बाण के धारी,

तीनो बाण चलाओ ना।

मुश्किल में है दास तेरा,

अब जल्दी आओ ना॥ 

 

तूफानों ने घेर लिया,

मुझे राह नजर ना आवे।

तुम बिन कौन मेरा जो,

मेरी बांह पकड़ ले जावे॥

 

भटक रहा राहों में बाबा…

भटक रहा राहों में,

बाबा पार लगाओ ना।

 

तीन बाण के धारी,

तीनो बाण चलाओ ना।

मुश्किल में है दास तेरा,

अब जल्दी आओ ना॥

 

किसको रिश्ते गिनवाऊँ,

किसे जात बताऊँ मैं।

क्या क्या जख्म दिए जग ने,

किसे घात दिखाऊं मैं॥ 

 

बिन कुछ पूछे श्याम हमारा…

बिन कुछ पूछे श्याम हमारा,

कष्ट मिटाओ ना।

 

तीन बाण के धारी,

तीनो बाण चलाओ ना।

मुश्किल में है दास तेरा,

अब जल्दी आओ ना॥

 

अनजानी नगरी में सब,

अनजाने लगते है।

हम तो तेरी याद में,

रो रो रातें जगते है॥ 

 

बहता इन आँखों से बाबा…

बहता इन आँखों से बाबा,

नीर थमाओ ना।

 

तीन बाण के धारी,

तीनो बाण चलाओ ना।

मुश्किल में है दास तेरा,

अब जल्दी आओ ना॥ 

 

कृष्ण को जिसने दान दिया,

उस दानी के आगे।

हमने सुना तेरी नाम लिए से,

संकट सब भागे॥ 

छोटू की विपदा को बाबा…

छोटू की विपदा को बाबा,

आग लगाओ ना।

 

तीन बाण के धारी,

तीनो बाण चलाओ ना।

मुश्किल में है दास तेरा,

अब जल्दी आओ ना॥ 

तीन बाण के धारी,

तीनो बाण चलाओ ना।

मुश्किल में है दास तेरा,

अब जल्दी आओ ना॥

“तीन बाण के धारी” भजन का भक्ति रस से भरा सुंदर भावार्थ

यह भजन लिरिक्स “तीन बाण के धारी” श्याम प्रभु से करुणा और रक्षा की याचना है। जीवन की कठिन राहों में जब हर ओर अंधेरा छा जाता है और संकट चारों ओर से घेर लेते हैं, तब भक्त श्याम बाबा को पुकारता है। वह स्वीकार करता है कि बिना श्याम के मार्गदर्शन और सहारे, वह अकेला राह नहीं पा सकता। यह भजन बताता है कि श्याम केवल हारे हुए का सहारा नहीं, बल्कि सच्चे रक्षक भी हैं जो समय पर अपने भक्त को पार लगाते हैं।

भक्त अपने दुःख और पीड़ा को छुपाता नहीं, बल्कि खुले मन से बाबा के आगे रख देता है। जीवन की आंधियों और तूफानों में जब सांसें भी डगमगाती हैं, तब वह विश्वास करता है कि श्याम अपने “तीन बाणों” से उसकी हर विपदा को दूर करेंगे। यह भाव व्यक्त करता है कि रिश्ते, जाति और समाज के बंधन यहाँ कुछ मायने नहीं रखते—केवल श्याम का नाम ही संकटों को हर लेता है।

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