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Toggleरघुपति राघव राजा राम भजन लिरिक्स – Raghupati Raghav Raja Ram Lyrics In Hindi
“रघुपति राघव राजा राम” एक ऐसा भजन है, जो भक्ति, शांति, और मानवता के मूल्यों को संजोए हुए है। Raghupati Raghav Raja Ram केवल एक धार्मिक भजन नहीं, बल्कि भारतीय समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता का संदेश फैलाने का माध्यम है। आज भी “रघुपति राघव राजा राम” भजन मंदिरों, सत्संगों, और धार्मिक आयोजनों में गाया जाता है, और इसकी लोकप्रियता भारत की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखती है।
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
रघुपति राघव राजा राम भजन की विशेषताएँ:
1.साम्प्रदायिक सद्भाव: भजन में “ईश्वर” और “अल्लाह” दोनों का नाम लिया गया है, जो यह दर्शाता है कि सभी धर्म एक ही परम शक्ति की ओर इंगित करते हैं।
2.महात्मा गांधी का प्रभाव: महात्मा गांधी ने इसे अपनी प्रार्थना सभाओं में गाने का एक प्रमुख हिस्सा बनाया और इसे अहिंसा और एकता का प्रतीक माना।
3.सरलता और गहराई: इस भजन के शब्द बहुत सरल हैं लेकिन इसका अर्थ अत्यंत गहरा और प्रेरणादायक है। यह लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से जोड़ने का प्रयास करता है।
रघुपति राघव राजा राम भजन का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व:
1.स्वतंत्रता आंदोलन: यह भजन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों को प्रेरित करने और एकता बनाए रखने का एक माध्यम बना।
2.धार्मिक समरसता: भजन हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भाईचारे और सहिष्णुता को बढ़ावा देता है।
3.लोकप्रियता: यह भजन आज भी मंदिरों, सत्संगों और धार्मिक आयोजनों में गाया जाता है।
रघुपति राघव राजा राम भजन का अर्थ:
1.”रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम”: भगवान राम को रघु वंश का राजा कहा गया है। वे पतित (पापी) को पावन करने वाले हैं।
2.”ईश्वर अल्लाह तेरो नाम”: इस पंक्ति में भजन का सार्वभौमिक संदेश स्पष्ट होता है कि ईश्वर और अल्लाह एक ही हैं। यह पंक्ति धार्मिक समरसता और एकता का संदेश देती है।
3.”सबको सन्मति दे भगवान”: यह प्रार्थना सभी के लिए है, जिसमें ईश्वर से बुद्धि, ज्ञान, और सन्मति की कामना की गई है।
रघुपति राघव राजा राम भजन का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
1.धार्मिक सहिष्णुता: इस भजन में “ईश्वर” और “अल्लाह” दोनों का उल्लेख है, जो यह दर्शाता है कि सभी धर्म समान हैं।
2.आध्यात्मिक प्रेरणा: भगवान राम और सीता की महिमा का वर्णन करते हुए यह भजन भक्ति और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है।
3.राष्ट्रीय एकता का प्रतीक: गांधीजी ने इस भजन को स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनाकर इसे राष्ट्रीय एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बना दिया।
रघुपति राघव राजा राम भजन का इतिहास और लोकप्रियता:
“रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम” भजन मूल रूप से वैष्णव भक्ति परंपरा से प्रेरित है। हालांकि, इसे गांधीजी ने अपनी सभाओं में विशेष रूप से गाया और इसे आध्यात्मिक और राष्ट्रीय चेतना के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया। गांधीजी ने इसे अहिंसा और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश देने के लिए चुना। “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम” भजन ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम” भजन विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच शांति और भाईचारे का संदेश देता है।
रघुपति राघव राजा राम भजन का संदेश:
“रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम” भजन का मुख्य उद्देश्य है मानवता को एकजुट करना, धार्मिक भेदभाव को समाप्त करना, और ईश्वर पर विश्वास बनाए रखना। “ईश्वर अल्लाह तेरो नाम” पंक्ति विशेष रूप से दर्शाती है कि सभी धर्म एक ही सार्वभौमिक सत्य की ओर इंगित करते हैं।
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