इस ब्लॉग में हम आपके लिए लेकर आये हैं, shri bhagwat bhagwan ki hai aarti lyrics । shri bhagwat bhagwan ji ki aarti lyrics गाएं और उनके रंग में रंग जाएं।
॥आरती॥
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।
ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥
ये शान्ति गीत पावन पुनीत,
पापों को मिटाने वाला,
हरि दरश दिखाने वाला।
यह सुख करनी, यह दुःख हरिनी,
श्री मधुसूदन की आरती,
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥
ये मधुर बोल, जग फन्द खोल,
सन्मार्ग दिखाने वाला,
बिगड़ी को बनानेवाला।
श्री राम यही, घनश्याम यही,
यही प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।
इस shri bhagwat bhagwan ji ki aarti lyrics में श्री भागवत भगवान की महिमा का गुणगान किया गया है। इस भागवत भगवान की आरती लिरिक्स में यह कहा गया है कि भगवान की आरती करने से पापियों को उनके पाप से छुटकारा मिलता है। Bhagwat bhagwan aarti lyrics में यह भी बताया गया है कि भागवत के नाम और उनके दर्शन से सुख, शांति, और मोक्ष प्राप्त होता है। इस आरती में भगवान की महिमा की स्तुति और उनके दिव्य गुणों का वर्णन किया गया है। इस आरती के माध्यम से भक्तों को सदैव प्रभु का स्मरण करने को कहा गया है।