कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है भजन लिरिक्स (Kirtan Ki Hai Raat Baba aaj thaane aano hai Lyrics in Hindi)

कीर्तन की है रात भजन

कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है – भजन 

कीर्तन की है रात,

बाबा आज थाने आणो है,

थाने कोल निभानो है,

कीर्तन की है रात।।

 

दरबार साँवरिया,

ऐसो सज्यो प्यारो,

दयालु आपको,

सेवा में साँवरिया,

सगला खड़ा डीके,

हुकुम बस आपको,

सेवा में थारी,

सेवा में थारी,

म्हाने आज बिछ जाणो है,

थाने कोल निभानो है,

कीर्तन की है रात।।

 

कीर्तन की है तैयारी,

कीर्तन करा जमकर,

प्रभु क्यूँ देर करो,

वादों थारो दाता,

कीर्तन में आणे को,

घणी क्यूँ देर करो,

भजना सू थाणे,

भजना सू थाणे,

ओ बाबा आज रिझाणो है,

थाने कोल निभानो है,

कीर्तन की है रात।।

 

जो कुछ बण्यो म्हासु,

अर्पण प्रभु सारो,

प्रभु स्वीकार करो,

नादान सू गलती,

होती ही आई है,

प्रभु मत ध्यान धरो,

“नंदू” साँवरिया,

“नंदू” साँवरिया,

थारो दास पुराणो है,

थाने कोल निभानो है,

कीर्तन की है रात।।

 

कीर्तन की है रात,

बाबा आज थाने आणो है,

थाने कोल निभानो है,

कीर्तन की है रात।।

“कीर्तन की है रात” भजन का भक्ति रस से भरा सुंदर भावार्थ

यह भजन लिरिक्स “कीर्तन की है रात” भक्त और प्रभु श्याम के बीच आत्मीय संवाद को दर्शाता है। इसमें भक्त बाबा को कीर्तन में आमंत्रित करता है और निवेदन करता है कि आज की इस रात वह स्वयं आकर भक्तों का जीवन धन्य करें। दरबार की सजावट, प्रेम से भरी सेवा, और सच्चे मन से गाया हुआ कीर्तन प्रभु को रिझाने का माध्यम बनता है। भक्त स्वीकार करता है कि वह नादान है, उससे गलतियाँ होती रहती हैं, लेकिन वह जानता है कि उसका दयालु बाबा हर भूल को क्षमा कर स्वीकार करते हैं। यह रचना भक्ति, विनम्रता और समर्पण का सुंदर उदाहरण है, जो हर साधक को यह सिखाती है कि प्रभु की भक्ति में सच्चा भाव ही सबसे बड़ा साधन है। कीर्तन की रात प्रभु संग मिलने और आत्मा को शांति देने का अवसर बनती है।

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