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Toggleकरो रे मिलके वंदना महावीर हनुमान की- भजन
करो रे मिलके वंदना,
महावीर हनुमान की…..
राम दूत बल धाम की,
पवन पुत्र वर वान की,
अंजनी के इस लाल की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की,
असुर निकंदन नाथ की,
बलवीरा सिय दास की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की…..
ज्ञान गुणों के सागर तुझसे,
तीनो लोक उजाला,
बड़े बड़े तपी ऋषि मुनि,
तेरे नाम की जपते माला,
श्री राम के दास की,
विकट रूप विकराल की,
जय कपीस बलवान की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की…..
लंका जारी सिया सुधि लायो,
असुरो को संहारा,
लाये संजीवन लखन जियायो,
बने राम का प्यारा,
जय कपीस दिगपाल की,
कालो के भी काल की,
विकट रूप विकराल की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की…..
संकट मोचन नाम तिहारो,
हरो ह्रदय की पीड़ा,
भक्ति करू निज प्रेम भाव से,
तेरी हनुमत बीरा,
पवन तनय सुकुमार की,
सियाराम के दास की,
संकट मोचन नाथ की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की…..
राम दूत बल धाम की,
पवन पुत्र वर वान की,
अंजनी के इस लाल की,
करो रे मिलके वंदना,
महावीर हनुमान की,
असुर निकंदन नाथ की,
बलवीरा सिय दास की,
करो रे मिलके वंदना,
महावीर हनुमान की……
“करो रे मिलके वंदना महावीर हनुमान की “भजन का भक्ति रस से भरा सुंदर भावार्थ
महावीर हनुमान का स्मरण करना हर भक्त के जीवन में शक्ति, भक्ति और साहस का संचार करता है। हनुमान जी को रामभक्ति, पराक्रम और अदम्य बल का प्रतीक माना जाता है। वे पवन पुत्र हैं और संकट मोचन कहलाते हैं क्योंकि उनके नाम मात्र से भक्तों के दुख और भय दूर हो जाते हैं। रामचरितमानस और विभिन्न भजनों में उनका गुणगान किया गया है, जिसमें बताया गया है कि वे अपने प्रभु श्रीराम के सच्चे दास और सेवक हैं।
हनुमान जी का जीवन हमें निःस्वार्थ सेवा और अटूट निष्ठा का संदेश देता है। उन्होंने लंका जाकर माता सीता का संदेश श्रीराम तक पहुँचाया और असुरों का संहार किया। जब लक्ष्मण मूर्छित हुए, तब संजीवनी लेकर उन्होंने उनके प्राण बचाए। इन लीलाओं के कारण उन्हें भक्तों के रक्षक और संकटों के नाशक के रूप में पूजा जाता है।
हनुमान जी की वंदना करने से मनुष्य में साहस, ऊर्जा और आत्मबल का विकास होता है। वे विकट रूप विकराल भी हैं और करुणामयी भी। यही कारण है कि कार, घर या कार्यस्थल पर उनकी मूर्ति रखने और प्रतिदिन “जय हनुमान” का स्मरण करने से जीवन में सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। महावीर हनुमान की भक्ति वास्तव में संकटों से मुक्ति और परम आनंद की कुंजी है।
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