आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा भजन लिरिक्स | Aa Maa Aa Tujhe Dil Ne Pukara Bhajan Lyrics in Hindi

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा – भजन 

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ।

दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥

शेरांवाली, जोतांवाली, मेहरांवाली माँ ।

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ॥

प्रेम से बोलो, जय माता दी ।

सारे बोलो, जय माता दी ।

मिल के बोलो, जय माता दी ।

फिर से बोलो, जय माता दी ।मैंने मन से तेरी पूजा की है सांझ सवेरे ।

 

मुझ को दर्शन दे के मैया, भाग जगा दे मेरे ।

मैंने मन से तेरी पूजा की है सांझ सवेरे ।

मुझ को दर्शन दे के मैया, भाग जगा दे मेरे ।

मैया मैया बोले मेरा, मन एक तारा माँ ॥

॥ आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा…॥

 

तूने ही पाला है मुझको, तू ही मुझे संभाले ।

तूने ही मेरे जीवन मे, पल पल किये उजाले ।

तूने ही पाला है मुझको, तू ही मुझे संभाले ।

तूने ही मेरे जीवन मे, पल पल किये उजाले ।

चरणों मे तेरे मैंने, तन मन वारा माँ ॥

॥ आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा…॥

 

मान ले मेरी विनती मैया, एक झलक दिखला दे ।

रूप की शीतल किरणों से नयनो के द्वार सजा दे ।

मान ले मेरी विनती मैया, एक झलक दिखला दे ।

रूप की शीतल किरणों से नयनो के द्वार सजा दे ।

नो को रूप तेरा लगता है प्यारा माँ ॥

॥ आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा…॥

 

जय माता दी, जय माता दी ।

कष्ट निवारे, शेरों वाली ।

पार लगादे, शेरों वाली ।

है दुःख हरनी, शेरों वाली ।

बिगड़ी बना दे, शेरों वाली ।

 

प्रेम से बोलो, जय माता दी ।

सारे बोलो, जय माता दी ।

जोर से बोलो, जय माता दी ।

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा भजन का भक्ति रस से भरा सुंदर भावार्थ

“आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा” एक अत्यंत भावनात्मक और भक्तिपूर्ण भजन है जो माँ दुर्गा के प्रति अपार प्रेम, आस्था और आह्वान को दर्शाता है। इस भजन में भक्त की हृदय की पुकार है, जिसमें वह माँ शेरांवाली से करुणा और कृपा की याचना करता है।

भजन की शुरुआत होती है उस प्रेमपूर्ण पुकार से जो माँ के लिए समर्पित है — “मैंने मन से तेरी पूजा की है सांझ सवेरे”, यह पंक्ति दिखाती है कि भक्त दिन-रात मां के ध्यान में लीन है। वो चाहता है कि मां उसे अपने दिव्य दर्शन देकर उसका भाग्य जगा दें।

भजन में माँ की ममता, संरक्षण और मार्गदर्शन का गुणगान किया गया है — “तूने ही पाला है मुझको, तू ही मुझे संभाले”। यह भाव जीवन की हर परिस्थिति में मां के साथ होने की अनुभूति कराता है।

अंत में, भजन की लय “जय माता दी” के उद्घोष से भक्तों के मन को ऊर्जा और उत्साह से भर देती है। यह भजन सिर्फ संगीत नहीं, माँ के चरणों में समर्पण का प्रतीक है।

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