निम्नलिखित दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से प्रस्तुत है आपके लिए।
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से।
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।।
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।।
खाटू वाले श्याम तेरी शरण में आ गयो।
श्याम प्रभु रूप तेरो नैणां में समां गयो।
बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।।
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।।
बालक हूँ मैं तेरो श्याम, मुझको निभायले।
दुखड़े को मारयो मन, कालजे लगायले।
पथ दिखलादे बाबा, काढ़ दे अँधेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।।
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।।
मुरली अधर पे, कदम तल झूमे हैं।
भक्त खड़ा तेरे चरणां ने चूमे हैं।
खाली हाथ बोल कया, जाऊ तेरे-नेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।।
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से।
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से।।
खाओ हो थे खीर चूरमो लीले ऊपर घूमो हो।
सेवका न बाबा थे क़द्दे ही कोनी भूलो हो।
टाबरियाँ की झोली भर भेजो थारे डेरे से।
आँखडली चुरा के बाबा जासी कठे मेरे से।।
दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से।
आँखडली चुराकर बाबा जासी कठे मेरे से।।
इस भजन की भावना
“दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से” भजन लिरिक्स एक आदर्श भक्ति गीत है जो श्री खाटू श्याम जी के प्रति भक्ति की भावना को व्यक्त करता है। इस भजन में भक्त अपनी अनात्मा को भगवान के चरणों में समर्पित करता है और भगवान की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति की प्रार्थना करता है।
“दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से” के अर्थ हैं कि भक्त अपनी समस्याओं और चिंताओं को भगवान के सामने रखता है और यह भी दिखाता है कि वह केवल भगवान के प्रति अपनी भक्ति में समर्पित है।
हम आशा करते है की यह भजन लिरिक्स आपको पसंद आया होगा और भगवन के प्रति आपकी भक्ति की भावना को प्रदर्शित करने में मददगार होगा।
जय हो श्याम बाबा की।