इस ब्लॉग के माध्यम से आपके आपके लिए प्रस्तुत है विश्वकर्मा जी की आरती लिरिक्स। इस vishwakarma aarti lyrics को गाएं और विश्वकर्मा जी की भक्ति में डूब जाएं।
॥आरती॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता,
रक्षक स्तुति धर्मा ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
आदि सृष्टि मे विधि को,
श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में,
ज्ञान विकास किया ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
ऋषि अंगीरा तप से,
शांति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का,
सकल सिद्धि आई ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
रोग ग्रस्त राजा ने,
जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर,
दूर दुःखा कीना ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
जब रथकार दंपति,
तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना,
विपत सगरी हरी ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
एकानन चतुरानन,
पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज,
सकल रूप साजे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
ध्यान धरे तब पद का,
सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे,
अटल शक्ति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
श्री विश्वकर्मा की आरती,
जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी,
सुख संपति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता,
रक्षक स्तुति धर्मा ॥
इस vishwakarma aarti lyrics में विश्वकर्मा प्रभु की प्रशंसा की गई है, जिन्हें सृष्टि के कर्ता और धर्म के पालनकर्ता के रूप में पूजा जाता है। आरती में उनके गुणों की प्रशंसा की गई है और उनके महत्व का का गुणगान किया गया है। vishwakarma ji ki aarti Lyrics के पदों में विश्वकर्मा प्रभु के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का उल्लेख है, और उनकी कृतियों और महान कार्यों की प्रशंसा की गई है। विश्वकर्मा आरती लिरिक्स के माध्यम से विश्वकर्मा प्रभु की आराधना करने वाले भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।