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Toggleलेने आजा खाटू वाले रींगस के उस मोड़ पे – भजन
आ गया मैं दुनियांदारी,
सारी बाबा छोड़ के,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
हार गया मैं इस दुनियां से,
अब तो मुझको थाम ले,
कहा मुझे किसी श्याम भगत ने,
बाबा का तू नाम ले,
अपने पराए छोड़ गए सब,
दिल मेरा ये तोड़ के,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
तीन बाण के कलाधारी,
कला मुझे भी दिखा दे तू,
जैसे दर्शन सबको देता,
वैसे मुझे करा दे तू,
अब मैं खड़ा हूँ द्वार तुम्हारे,
दोनों हाथ जोड़ के,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
मैं ना जानूँ पूजा अर्चन,
तुझको अपना मान लिया,
तू ही दौलत तू ही शौहरत,
इतना बाबा जान लिया,
अपना बना ले इस मित्तल को,
दिल को दिल से जोड़ के,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
मुझको है विश्वास मुझे तू,
इक दिन बाबा तारेगा,
तुझ पे भरोसा करने वाला,
जग में कभी ना हारेगा,
जिनपे किया भरोसा मैंने,
छोड़ गए वो रोड़ पे,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
आ गया मैं दुनियादारी,
सारी बाबा छोड़ के,
लेके आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पे,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
लेने आजा खाटू वाले भजन का भक्ति रस से भरा सुंदर भावार्थ
यह भजन खाटू श्याम जी की अनन्य भक्ति और आस्था को दर्शाता है। इसमें एक भक्त अपनी जीवन की परेशानियों और दुनियादारी से हार मानकर शरणागत भाव से श्याम बाबा को पुकारता है। रींगस के उस मोड़ पर बाबा से मिलने की लालसा उसकी गहरी श्रद्धा का प्रतीक है।
भजन के शब्द बताते हैं कि जब संसार ने साथ छोड़ दिया, तब श्याम जी का नाम ही सच्चा सहारा बना। भक्त यह स्वीकार करता है कि उसे पूजा-पाठ का विशेष ज्ञान नहीं है, परंतु उसने श्याम बाबा को ही अपनी दौलत और सहारा मान लिया है। तीन बाणधारी श्याम से वह कृपा की याचना करता है, जैसे सबको दर्शन देते हो वैसे ही उसे भी अपने द्वार बुला लो।
यह भजन भक्ति विश्वास की गहराई को उजागर करता है। श्याम भक्त विश्वास करता है कि जो भी बाबा पर भरोसा करता है, उसे जीवन की कठिनाइयाँ कभी हरा नहीं सकतीं।
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