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Toggleहारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है – भजन
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
जीतूंगा एक दिन मेरा दिल ये कहता है,
मेरे मांझी बन जाओ मेरी नाव चला जाओ,
बेटे को बाबा श्याम गले लगा जाओ,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
मैंने सुना है तू दुखड़े मिटाता ,
बिन बोले भक्तों की बिगड़ी बनाता,
मिलता ना किनारा है ना कोई और सहारा है,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
तुमसे ही जीवन मेरा ओ मेरे बाबा,
कैसे चलेगा समझ ना आता,
तुम धीर बंधाते हो तो साँसें चलती हैं,
मुझे समझ ना आता है मेरी क्या गलती है,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
परिवार मेरा तेरे गुण है जाता,
दोषी तो मैं हूँ उन्हें क्यों सताता,
उनको भी भरोसा है तूने पाला पोसा है,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है भजन का भक्ति रस से भरा सुंदर भावार्थ
यह भजन भक्त और भगवान खाटू श्याम जी के बीच अटूट विश्वास और प्रेम का सुंदर प्रतीक है। इसमें एक भक्त अपने जीवन की परेशानियों और हार मान लेने जैसी स्थितियों में भी केवल बाबा श्याम पर भरोसा रखता है।
भक्त कहता है कि वह हारा हुआ है, लेकिन उसे विश्वास है कि श्याम उसकी नाव के मांझी बनकर उसे सही राह दिखाएँगे। बाबा श्याम बिना कहे ही भक्तों की पीड़ा हर लेते हैं और बिगड़े काम बना देते हैं। यही विश्वास भक्त के जीवन को संभालता है।
भजन यह भी दर्शाता है कि जीवन की कठिनाइयों में जब कोई सहारा नहीं दिखता, तब केवल श्याम ही आशा और विश्वास का आधार बनते हैं। भक्त अपने परिवार के लिए भी बाबा से कृपा की याचना करता है और स्वीकार करता है कि उसकी गलतियों के बावजूद श्याम सबको संभालते हैं।
संक्षेप में, यह भजन श्याम के चरणों में अटूट आस्था, समर्पण और भरोसे की भावनाओं को व्यक्त करता है, जो भक्त को जीवन की हर मुश्किल से पार ले जाने का विश्वास दिलाता है।
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