डाकिया जा रे श्याम ने संदेशो दीजे भजन लिरिक्स ( Dakiya ja re Shyam Ne Sandesho Dije Bhajan Lyrics in Hindi)

डाकिया जा रे

“डाकिया जा रे, श्याम ने संदेशो दीजे”-भजन  

( सेठ डाकिया से )

डाकिया जा रे,

श्याम ने संदेशो दीजे,

श्याम ने जायत कह दीजे,

भगत थारे दर्शन ने तरसे,

डाकिया जा रे।।

 

तर्ज – ओ बाबुल प्यारे।

 

( डाकिया सेठ से )

कुण से गाँव थारो श्याम बस्यो है,

इतनो म्हाने बता दे, सेवक रे,,,,

गर तेरे पास है कोई निशानी,

म्हाने तू दिखला दे,

कईया जानूंगा पिचान,

मैं हूँ छोरो अनजान,

कईया श्याम स्यु होसी मिलन,

डाकिया जा रे।।

 

( सेठ डाकिया से )

खाटू में है श्याम जी को मंदिर,

शिखर ध्वजा लहरावे, डाकिया ओ,,

ड्योढ़ी पर हनुमान बिराजे,

सेवक चंवर ढुलावे,

वांके नौबत बाजे द्वार,

गूंजे हरदम जय जयकार,

सजधज बैठ्यो है श्याम सजन,

डाकिया जा रे।।

 

पहुंच गयो दरबार श्याम के,

बोलण लागो संदेसो, बाबा ओ,,

बण बैठ्यो कद श्याम दीवानो,

कुछ ना रह्यो अंदेशो,

आंखड़ल्या सु बरसी धार,

जईया सावण की फुहार,

देख सांवरिया बोल्यो यो वचन,

डाकिया जा रे।।

 

( बाबा डाकिया से )

कह दीजे तू जाए सेवक ने,

तेरो बुलावो आसी, सेवक रे,,

सबकी आस पुराऊँ हूँ तो,

तू कईया रह पासी,

तेरी सारी जाणु बात,

पूरी करस्यूँ मन की आस,

पर बढ़ा मेरे कानि कदम,

डाकिया जा रे।।

 

चिठ्ठी आई है आई है,

चिठ्ठी आई है,

चिठ्ठी आई है खाटू से,

चिठ्ठी आई है,

बड़े दिनों के बाद,

मेरे श्याम धणी को आज,

भगत की याद सताई है,

चिठ्ठी आई है आई है,

चिठ्ठी आई है।।

 

( डाकिया सेठ से )

सुण संदेसो सांवरिये को,

मनड़ो घणो हर्षायो, बाबा ओ,,

बंध गया पाँव में घुंघरिया सा,

मन को मोरियो गायो,

म्हारो श्याम बड़ो दिलदार,

हो जाओ लेवण ने तैयार,

महिमा गावे है ‘कमल-किशन’,

डाकिया जा रे।।

 

डाकिया जा रे,

श्याम ने संदेशो दीजे,

श्याम ने जायत कह दीजे,

भगत थारे दर्शन ने तरसे,

डाकिया जा रे।।

“डाकिया जा रे, श्याम ने संदेशो दीजे” भजन का भक्ति रस से भरा सुंदर भावार्थ

यह भजन “डाकिया जा रे, श्याम ने संदेशो दीजे” खाटू श्याम जी की भक्ति और प्रेम का अद्भुत चित्रण है। इसमें भक्त अपनी तड़प और भावनाओं को डाकिये के माध्यम से श्याम बाबा तक पहुँचाता है। डाकिये से पूछा जाता है कि श्याम कहाँ विराजते हैं और किस प्रकार उनके दर्शन किए जा सकते हैं। उत्तर में सेठ बताता है कि श्याम बाबा खाटू में मंदिर में विराजमान हैं, जहाँ ध्वजा लहराती है और नौबत बाजे बजते हैं। भक्त का संदेश जब श्याम जी तक पहुँचता है, तो वे स्वयं आशीर्वाद देते हैं और कहते हैं कि वे सबकी आस पूरी करते हैं।

यह भजन भक्त और भगवान के बीच संदेशवाहक के रूप में डाकिये की अनूठी भूमिका को दर्शाता है। इसमें प्रेम, आस्था और श्याम जी के दरबार की महिमा का गहन वर्णन है। “चिट्ठी आई है खाटू से” पंक्तियाँ भक्त के हृदय को आनंद और विश्वास से भर देती हैं। कुल मिलाकर, यह भजन श्याम बाबा की कृपा, उनके स्नेह और भक्तों की तड़प को सुंदर भावों में प्रस्तुत करता है।

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